व्यवहारिक मार्गदर्शिका >> जुड़ो जोड़ो जीतो जुड़ो जोड़ो जीतोउज्जवल पाटनी
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यदि नेटवर्क मार्केटिंग में डायमण्ड बनना और बनाना चाहते हो तो पढ़िये, अमल कीजिए, भेंट कीजिए
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
डॉ. उज्जवल पाटनी प्रख्यात वक्ता एवं व्यक्तित्व विकास
विशेषज्ञ हैं। पेशे से दंत चिकित्सक डॉ. पाटनी एक मैनेजमेंट विशेषज्ञ के
रूप में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जाने जाते हैं। डॉ. पाटनी को अपनी टीम
लाइफक्राफ्ट के साथ गिनीज विश्व रिकार्ड काने का गौरव प्राप्त है। अपनी
उपलब्धियों की वजह से वे अन्तर्राष्ट्रीय समाचार पत्र, वेबसाईट तथा
विभिन्न टीवी चैनल पर लगातार फीचर किये जाते हैं।
उन्होंने सफल वक्ता सफल व्यक्ति तथा ग्रेट वार्डस विन हार्टस आदि चर्चित पुस्तकें लिखी हैं। वे प्रभावी बोलने की कला, लीडरशिप, एकदूजे के लिए तथा नेटवर्क मार्केटिंग जैसे विषयों पर सेमिनार तथा कार्यशालायें लेते है। उनको सुनना एक अद्भुत अनुभव होता है। उनके शब्द श्रोताओं के व्यक्तिगत एवं व्यवसायिक जीवन में जबर्दस्त परिवर्तन लाने की क्षमता रखते हैं। वे बहुत सी कम्पनियों तथा विश्वविद्यालयों में सलाहकार है।
उन्होंने सफल वक्ता सफल व्यक्ति तथा ग्रेट वार्डस विन हार्टस आदि चर्चित पुस्तकें लिखी हैं। वे प्रभावी बोलने की कला, लीडरशिप, एकदूजे के लिए तथा नेटवर्क मार्केटिंग जैसे विषयों पर सेमिनार तथा कार्यशालायें लेते है। उनको सुनना एक अद्भुत अनुभव होता है। उनके शब्द श्रोताओं के व्यक्तिगत एवं व्यवसायिक जीवन में जबर्दस्त परिवर्तन लाने की क्षमता रखते हैं। वे बहुत सी कम्पनियों तथा विश्वविद्यालयों में सलाहकार है।
जुड़ो जोड़ो जीतो
माँ तुम्हें प्रणाम
मैं ‘‘जुड़ो, जोड़ो, जीतो’’ को अपनी प्यारी माँ के स्वर्गसम चरणों में समर्पित करता हूँ। कम उम्र में पिता का देहावसान के बाद माँ ने ही मुझे इस काबिल बनाया कि मैं दूसरों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकूं और स्वयं के जीवन की जिम्मेदारी ले सकूँ।
मैं अत्यन्त दुर्भाग्यशाली हूं क्योंकि मुझे उन्हें सुख के क्षण देने का अवसर ही नहीं मिला। जब मैं अपने पैरों पर खड़ा हुआ, वे अस्वस्थ हो गईं और शीघ्र ही उनका निधन हो गया।
यदि यह पुस्तक आपको अपने सपनों को पाने में थोड़ी भी मदद करती है और आप समृद्धि की ओर बढ़ते हैं तो उस समृद्धि का एक अंश अपने माता-पिता के चरणों में समर्पित कर देना।
आज हम और आप जो भी हैं, सिर्फ उनकी वजह से हैं।
मैं ‘‘जुड़ो, जोड़ो, जीतो’’ को अपनी प्यारी माँ के स्वर्गसम चरणों में समर्पित करता हूँ। कम उम्र में पिता का देहावसान के बाद माँ ने ही मुझे इस काबिल बनाया कि मैं दूसरों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकूं और स्वयं के जीवन की जिम्मेदारी ले सकूँ।
मैं अत्यन्त दुर्भाग्यशाली हूं क्योंकि मुझे उन्हें सुख के क्षण देने का अवसर ही नहीं मिला। जब मैं अपने पैरों पर खड़ा हुआ, वे अस्वस्थ हो गईं और शीघ्र ही उनका निधन हो गया।
यदि यह पुस्तक आपको अपने सपनों को पाने में थोड़ी भी मदद करती है और आप समृद्धि की ओर बढ़ते हैं तो उस समृद्धि का एक अंश अपने माता-पिता के चरणों में समर्पित कर देना।
आज हम और आप जो भी हैं, सिर्फ उनकी वजह से हैं।
मेरे मन की बात
पुस्तक को पढ़ने से पहले इसे जरूर पढ़े
एक मैनेजमेंट विशेषज्ञ के रूप में मुझे ढेरों बिजनेस प्रणालियों को करीब से देखने का अवसर मिला। इसी अवधि में भारत में नेटवर्क मार्केटिंग प्रणाली पर आधारित कंपनियों ने पांव फैलाना शुरू किया।
प्रशिक्षण के रूप में इन नेटवर्क कंपनियों में जाने के बाद मुझे इस प्रणाली का असली महत्व पता चला। मैंने नेटवर्क मार्केटिंग कंपनियों की कार्यप्रणाली समझने के लिये विश्व की शीर्ष कंपनियों का विभिन्न पहलुओं से अध्ययन किया, व्यक्तिगत रूप से शोध किये। कुछ वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद मैंने जाना कि इस प्रणाली में क्योंकि एक व्यक्ति सफल होता है, दूसरा असफल, क्यों एक कंपनी बंद हो जाती है और दूसरी शीर्ष पर पहुँच जाती है।
मैं अब विश्वास के साथ यह कह सकता हूं कि इस प्रणाली में सफलता पाना आसान नहीं है और ना ही यह धन कमाने का शार्टकट है। यह भी कठिन परिश्रम और संपूर्ण समर्पण मांगती है। जो लोग इसे आसान रास्ता या हल्का व्यापार समझकर प्रवेश करते हैं, जो मुश्किलों का सामना नहीं करना चाहते, वे स्वतः ही इस व्यापार को छोड़ देते हैं या असफल हो जाते हैं।
मेरी व्यक्तिगत राय है कि यह प्रणाली एक महान बिजनेस का अवसर है और आगामी वर्षों में यह विश्वास की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण आधार बनेगी।
मेरी कार्यशालाओं और सेमिनारों में डिस्ट्रीब्यूटर और ऐसोसियेट ढेरों सवाल करते हैं-कैसे लोगों को जोड़े, उनकी नकारात्मक धारणाओं को कैसे हटाये, निष्क्रिय साथियों को सक्रिय कैसे बनाऐं, लोगों को सिद्धांत पर लेकर कैसे चलें, टीम को बिखरने से कैसे रोकें, आदि-आदि।
कुछ लोग तो यह भी कहते थे क्या पढ़े, समझ नहीं आता। अधिकांश पुस्तकें विदेशी लेखकों द्वारा लिखी गई हैं और भारतीय विचारधारा के अनुकूल नहीं हैं। वो मुझसे कोई ऐसी पुस्तक या सीडी मांगते थे, जिसे वो नये व्यक्ति को दे सके और व्यक्ति की नेटवर्क मार्केटिंग के बारे में सारी धारणाएं स्पष्ट हो जाए।
हमारी टीम ने अथक प्रयास करके उन सारे सवालों को संजोया। हमने बहुत अध्ययन और परिश्रम के बाद उन सवालों के भारतीय उत्तर तैयार किये। हमने ‘’जुड़ो’ के शीर्षक से इस किताब में एक अनमोल हिस्सा शामिल किया जिसे पढ़ते ही एक व्यक्ति (प्रास्पेक्ट) इस व्यवसाय की ताकत पहचान सकता है। जिन नेटवर्कर की बोलने की क्षमता (Communication skill) अच्छी नहीं है, वे इस प्रभावी किताब के माध्यम से अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।
इस प्रणाली से जुडऩे के बाद दूसरा लक्ष्य होता है, दूसरों को ‘जोड़ना’ दूसरों को जोड़ने के लिये कैसा प्रस्तुतिकरण हो, किन तथ्यों को मुख्य बनाया जाए और किन्हें गौण किया जाए जैसे ढेरों सवालों के जवाब, आपको जोड़ो के हिस्से में मिलेंगे। यहां आपकी नेटवर्किंग की पाठशाला खत्म होती है।
जुड़ने और जोड़ने के बाद लम्बे समय तक व्यापार में जीतते रहनेके लिये कौन से सिद्धांतों का पालन करे, टीम का नजरिया सकारात्मक कैसे बनाए, नेतृत्व की क्षमता कैसे लायें, साथियों की सक्रिय कैसे रखें, नेटवर्क कंपनियों की चुनौती का सामना कैसे करें जैसे रोज उठने वाले सवालों के सर्वश्रेष्ठ हल आपके लिये ‘जीतो’ में पेश किये गये हैं।
इस पुस्तक में नेटवर्क मार्केटिंग के संबंध में लोगों की भ्रांतियों और शंकाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई है। लोग अपना भविष्य किसी गलत नेटवर्क कंपनी से जुड़कर बरबाद न कर बैठे, इसलिये नेटवर्क कंपनी के चुनाव पर भी एक निष्पक्ष और विशिष्ट अध्याय शामिल किया गया है।
इस पुस्तक को पढ़कर मुझे ऐसा लगता है कि कहीं मैंने एक ही किताब में जरूरत से ज्यादा जानकारी तो नहीं दे दी। खैर इतना तो जरूर है कि इस पुस्तक को लिखने में मुझे बेदह आत्मसंतुष्टि हुई।
मुझे यकीन है कि भारत के लाखों नेटवर्कर जो अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिये रात दिन मेहनत कर रहे हैं, उन्हें यह पुस्तक अवश्य नयी दिशा और ऊर्जा प्रदान करेगी। सबसे बड़ी बात यह है कि इस पुस्कत की भाषा एकदम सामान्य है ताकि हर कोई इसे आसानी से समझ सके। यह आपके अपने शब्दों में, आपकी अपनी पुस्तक है।
इस पुस्तक को लिखने में जाने-आनजाने मैंने जिनकी भी मदद ली है, सबको हृदय की गहराइयों से धन्यवाद !
मेरी शुभकामानाएं है कि इस पुस्तक की मदद से आप डायमंड जरूर बने और जल्दी बने।
एक मैनेजमेंट विशेषज्ञ के रूप में मुझे ढेरों बिजनेस प्रणालियों को करीब से देखने का अवसर मिला। इसी अवधि में भारत में नेटवर्क मार्केटिंग प्रणाली पर आधारित कंपनियों ने पांव फैलाना शुरू किया।
प्रशिक्षण के रूप में इन नेटवर्क कंपनियों में जाने के बाद मुझे इस प्रणाली का असली महत्व पता चला। मैंने नेटवर्क मार्केटिंग कंपनियों की कार्यप्रणाली समझने के लिये विश्व की शीर्ष कंपनियों का विभिन्न पहलुओं से अध्ययन किया, व्यक्तिगत रूप से शोध किये। कुछ वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद मैंने जाना कि इस प्रणाली में क्योंकि एक व्यक्ति सफल होता है, दूसरा असफल, क्यों एक कंपनी बंद हो जाती है और दूसरी शीर्ष पर पहुँच जाती है।
मैं अब विश्वास के साथ यह कह सकता हूं कि इस प्रणाली में सफलता पाना आसान नहीं है और ना ही यह धन कमाने का शार्टकट है। यह भी कठिन परिश्रम और संपूर्ण समर्पण मांगती है। जो लोग इसे आसान रास्ता या हल्का व्यापार समझकर प्रवेश करते हैं, जो मुश्किलों का सामना नहीं करना चाहते, वे स्वतः ही इस व्यापार को छोड़ देते हैं या असफल हो जाते हैं।
मेरी व्यक्तिगत राय है कि यह प्रणाली एक महान बिजनेस का अवसर है और आगामी वर्षों में यह विश्वास की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण आधार बनेगी।
मेरी कार्यशालाओं और सेमिनारों में डिस्ट्रीब्यूटर और ऐसोसियेट ढेरों सवाल करते हैं-कैसे लोगों को जोड़े, उनकी नकारात्मक धारणाओं को कैसे हटाये, निष्क्रिय साथियों को सक्रिय कैसे बनाऐं, लोगों को सिद्धांत पर लेकर कैसे चलें, टीम को बिखरने से कैसे रोकें, आदि-आदि।
कुछ लोग तो यह भी कहते थे क्या पढ़े, समझ नहीं आता। अधिकांश पुस्तकें विदेशी लेखकों द्वारा लिखी गई हैं और भारतीय विचारधारा के अनुकूल नहीं हैं। वो मुझसे कोई ऐसी पुस्तक या सीडी मांगते थे, जिसे वो नये व्यक्ति को दे सके और व्यक्ति की नेटवर्क मार्केटिंग के बारे में सारी धारणाएं स्पष्ट हो जाए।
हमारी टीम ने अथक प्रयास करके उन सारे सवालों को संजोया। हमने बहुत अध्ययन और परिश्रम के बाद उन सवालों के भारतीय उत्तर तैयार किये। हमने ‘’जुड़ो’ के शीर्षक से इस किताब में एक अनमोल हिस्सा शामिल किया जिसे पढ़ते ही एक व्यक्ति (प्रास्पेक्ट) इस व्यवसाय की ताकत पहचान सकता है। जिन नेटवर्कर की बोलने की क्षमता (Communication skill) अच्छी नहीं है, वे इस प्रभावी किताब के माध्यम से अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।
इस प्रणाली से जुडऩे के बाद दूसरा लक्ष्य होता है, दूसरों को ‘जोड़ना’ दूसरों को जोड़ने के लिये कैसा प्रस्तुतिकरण हो, किन तथ्यों को मुख्य बनाया जाए और किन्हें गौण किया जाए जैसे ढेरों सवालों के जवाब, आपको जोड़ो के हिस्से में मिलेंगे। यहां आपकी नेटवर्किंग की पाठशाला खत्म होती है।
जुड़ने और जोड़ने के बाद लम्बे समय तक व्यापार में जीतते रहनेके लिये कौन से सिद्धांतों का पालन करे, टीम का नजरिया सकारात्मक कैसे बनाए, नेतृत्व की क्षमता कैसे लायें, साथियों की सक्रिय कैसे रखें, नेटवर्क कंपनियों की चुनौती का सामना कैसे करें जैसे रोज उठने वाले सवालों के सर्वश्रेष्ठ हल आपके लिये ‘जीतो’ में पेश किये गये हैं।
इस पुस्तक में नेटवर्क मार्केटिंग के संबंध में लोगों की भ्रांतियों और शंकाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई है। लोग अपना भविष्य किसी गलत नेटवर्क कंपनी से जुड़कर बरबाद न कर बैठे, इसलिये नेटवर्क कंपनी के चुनाव पर भी एक निष्पक्ष और विशिष्ट अध्याय शामिल किया गया है।
इस पुस्तक को पढ़कर मुझे ऐसा लगता है कि कहीं मैंने एक ही किताब में जरूरत से ज्यादा जानकारी तो नहीं दे दी। खैर इतना तो जरूर है कि इस पुस्तक को लिखने में मुझे बेदह आत्मसंतुष्टि हुई।
मुझे यकीन है कि भारत के लाखों नेटवर्कर जो अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिये रात दिन मेहनत कर रहे हैं, उन्हें यह पुस्तक अवश्य नयी दिशा और ऊर्जा प्रदान करेगी। सबसे बड़ी बात यह है कि इस पुस्कत की भाषा एकदम सामान्य है ताकि हर कोई इसे आसानी से समझ सके। यह आपके अपने शब्दों में, आपकी अपनी पुस्तक है।
इस पुस्तक को लिखने में जाने-आनजाने मैंने जिनकी भी मदद ली है, सबको हृदय की गहराइयों से धन्यवाद !
मेरी शुभकामानाएं है कि इस पुस्तक की मदद से आप डायमंड जरूर बने और जल्दी बने।
डॉ. उज्जवल पाटनी
स्पीच गुरु एवं प्रबंधन विशेषज्ञ डॉ. उज्जवल पाटनी : एक परिचय
डॉ. उज्जवल पाटनी प्रख्यात वक्ता और प्रेरक हैं। वे पेशे से दंत रोग
विशेषज्ञ और पाटनी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के जनक हैं। अनवरत सीखने की लगन
में उन्होंने मानव संसाधन में एम.बी.ए., राजनीति विज्ञान में एम.ए. तथा
मानव अधिकार व उपभोक्ता संरक्षण जैसे विषयों में विशिष्ट योग्यताएं
प्राप्त की हैं।
डॉ. पाटनी सर्टिफाइड व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षक हैं। जहां स्पीच गुरु के रूप में वे प्रभावी बोलने और भाषण देने की कला पर देश में प्रशिक्षण देते हैं, वहीं एक वक्ता के रूप में श्रोताओं को हंसाने, जागृत करने तथा प्रेरणा देने का कार्य करते हैं। वे देश की शीर्ष नेटवर्क मार्केटिंग कंपनियों के प्रशिक्षण सलाहकार भी हैं। जबरदस्त प्रभावित करने वाले प्रेरक के रूप में उनके प्रिय विषय हैं-नजरिया, जीत का मूलमंत्र, लीडरशिप, अनलिमिटेड, प्रभावी बोलने की कला, वाणी से सफलता, स्वयं की मार्केटिंग कैसे करें और एक दूजे के लिए। बहुआयामी शिक्षा, मौलिकता और गजब की प्रयोगशीलता उनको विशिष्ट बनाती है।
हमेशा अलग करने की चाह के लिए डॉ. पाटनी के नेतृत्व, कल्पना और निर्देशन में 5 फरवरी, 2005 को भारत के उदीयमान गायकों और वादकों ने गिनीज विश्व रिकार्ड हेतु दावा पेश किया। भिलाई में आयोजित सिंगिग मेराथन नामक इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में दुनिया के सबसे लंबे समय तक लगातार समूहगान करके कनाडा का विश्व रिकार्ड तोड़ा गया। भजनों के माध्यम से समूह गान का संभवतः भारत का यह प्रथम विश्व रिकार्ड है। यह भागीरथी कार्यक्रम उनकी ऊंची सोच और नेतृत्व का नवीनतम उदाहरण है।
विभिन्न राष्ट्रीय और प्रादेशिक समाचार पत्रों, रेडियो, अंतर्राष्ट्रीय वेबसाइट तथा शीर्ष टी.वी चैनलों पर उनकी उपलब्धियाँ लगातार दर्ज होती रही हैं। प्रेरक, लेखक और चिकित्सक की विभिन्न भूमिकाएं निभाने वाले स्पीच गुरु डॉ. उज्जवल पाटनी कहते हैं-‘‘प्रभावी बोलने की कला सफलता का मूल मंत्र है।
डॉ. पाटनी सर्टिफाइड व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षक हैं। जहां स्पीच गुरु के रूप में वे प्रभावी बोलने और भाषण देने की कला पर देश में प्रशिक्षण देते हैं, वहीं एक वक्ता के रूप में श्रोताओं को हंसाने, जागृत करने तथा प्रेरणा देने का कार्य करते हैं। वे देश की शीर्ष नेटवर्क मार्केटिंग कंपनियों के प्रशिक्षण सलाहकार भी हैं। जबरदस्त प्रभावित करने वाले प्रेरक के रूप में उनके प्रिय विषय हैं-नजरिया, जीत का मूलमंत्र, लीडरशिप, अनलिमिटेड, प्रभावी बोलने की कला, वाणी से सफलता, स्वयं की मार्केटिंग कैसे करें और एक दूजे के लिए। बहुआयामी शिक्षा, मौलिकता और गजब की प्रयोगशीलता उनको विशिष्ट बनाती है।
हमेशा अलग करने की चाह के लिए डॉ. पाटनी के नेतृत्व, कल्पना और निर्देशन में 5 फरवरी, 2005 को भारत के उदीयमान गायकों और वादकों ने गिनीज विश्व रिकार्ड हेतु दावा पेश किया। भिलाई में आयोजित सिंगिग मेराथन नामक इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में दुनिया के सबसे लंबे समय तक लगातार समूहगान करके कनाडा का विश्व रिकार्ड तोड़ा गया। भजनों के माध्यम से समूह गान का संभवतः भारत का यह प्रथम विश्व रिकार्ड है। यह भागीरथी कार्यक्रम उनकी ऊंची सोच और नेतृत्व का नवीनतम उदाहरण है।
विभिन्न राष्ट्रीय और प्रादेशिक समाचार पत्रों, रेडियो, अंतर्राष्ट्रीय वेबसाइट तथा शीर्ष टी.वी चैनलों पर उनकी उपलब्धियाँ लगातार दर्ज होती रही हैं। प्रेरक, लेखक और चिकित्सक की विभिन्न भूमिकाएं निभाने वाले स्पीच गुरु डॉ. उज्जवल पाटनी कहते हैं-‘‘प्रभावी बोलने की कला सफलता का मूल मंत्र है।
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